Tuesday, September 28, 2021

माँ स्कंदमाता मंत्र और आरती Lyrics in हिंदी with mp3

माँ स्कंदमाता मंत्र और आरती Lyrics in हिंदी with mp3

नवरात्री के पांचवे दिन माँ दुर्गा के स्वरुप माँ स्कंदमाता की पूजा अर्चना की जाती है। स्कन्द यानि भगवान कार्तिकेय की माता होने के कारण इनका नाम स्कंदमाता पड़ा है। माँ स्कंदमाता अपने वाहन सिंह पर सवार हैं और इन्होंने अपने पुत्र भगवान कार्तिकेय को अपनी गोंद में बिठाया हुआ है। इस स्वरुप में माँ की चार भुजाएं हैं जिसमे से २ भुजाओं में माँ ने कमल का फूल धारण किया है, एक हाथ से भगवान कार्तिकेय को पकड़ कर गोंद में बिठाया हुआ है और बाकी एक हाथ से भक्तों को आशीर्वाद दे रही हैं। माँ स्कंदमाता कौशल, करुणा और सहस का प्रतीक हैं। माता की उपासना से अच्छी सेहत, बुद्धिमत्ता, चेतना, रोगमुक्ति और संतान की प्राप्ति होती है।

maa skandmata aarti lyrics hindi




माँ स्कन्दमाता मंत्र -

सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया, शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।


Play 👇 माँ स्कन्दमाता मंत्र और आरती


माँ स्कन्दमाता की आरती lyrics

नवरात्री की पांचवी स्कंदमाता महारानी,

इसका ममता रूप है ध्याये ज्ञानी ज्ञानी।


कार्तिकेय को गोंद ले करती अनोखा प्यार,

अपनी शक्ति दी उसे करे रक्त संचार।


भूरे सिंह पे बैठ कर मंद मंद मुस्काये,

कमल का आसन साथ में उसपे लिया सजाये।


आशीर्वाद ए हाथ से मन में भरे उमंग,

कीर्तन करता आपका चढ़े नाम का रंग।


जैसे रूठे बालक की सुनती आप पुकार,

मुझको भी वो प्यार दो मत करना इंकार।


नवरात्रों की माँ, कृपा कर दो माँ।

नवरात्रों की माँ, कृपा कर दो माँ।


जय माँ स्कंदमाता, जय माँ स्कंदमाता।


शुभ्रवर्ण ममतामयी देवी हे माँ स्कंदमाता,

सर्वोत्तम संतान की जननी तू ही स्कन्द की माता,

हे माँ तू ही स्कन्द की माता, हे माँ तू ही स्कन्द की माता।


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