माँ कालरात्रि मंत्र और आरती Lyrics in हिंदी with mp3
माँ दुर्गा का सातवां स्वरुप है माँ कालरात्रि जिन्हे नवरात्रि का सातवां दिन समर्पित है। अँधेरे की तरह माँ कालरात्रि का शरीर एकदम काले रंग का है। इनके तीन नेत्र हैं और बाल बिखरे हुए हैं। गले में जो माला सुशोभित है वह विद्युत् समान चमकीला है। इनका स्वरुप देखने में काफी भयानक लगता है लेकिन माँ भक्तों को शुभफल प्रदान करती हैं और इन्हें माँ शुभंकरी भी कहा जाता है। इनके चार हाथ हैं। दो हाथों में शस्त्र हैं और बाकी दो हाथ वरमुद्रा और अभयमुद्रा में है। माँ कालरात्रि का वाहन गधा है। माँ नकारात्मक और राक्षसी प्रवृत्तियों का नाश करती हैं, भय को दूर करती हैं और भक्तों को हर बाधा से बचाती हैं।
माँ कालरात्रि मंत्र -
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥
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माँ कालरात्रि स्तोत्र -
हीं कालरात्रि श्रीं कराली च क्लीं कल्याणी कलावती।
कालमाता कलिदर्पनी कमदीश कुपान्विता॥
कामबीजजपान्दा कमबीजस्वरूपिणी।
कुमतिघ्नी कुलीनर्तिनाशिनी कुल कामिनी॥
क्लीं ह्रीं श्रीं मन्त्र्वर्णेन कालकण्टकघातिनी।
कृपामयी कृपाधारा कृपापारा कृपागमा॥
माँ कालरात्रि की आरती lyrics
सातवां जब नवरात्र हो आनंद ही छा जाता,
अंधकार सा रूप हे पूजती हूँ माता।
गले में विद्युत् माला हे त्रिनेत्र प्रकटाती,
धरती क्रोधित रूप माँ चैन नहीं वो पाती।
करतब पर विराज कर पाप का बोझ उठाती,
धर्म की रखती मर्यादा विचलित सी हो जाती।
भूत प्रेत को दूर कर निर्भयता है लाती,
योगनियों को साथ ले धीरज वो दिलवाती।
शक्ति पाने के लिए तांत्रिक करते ध्यान,
मेरे जीवन में भी तो हल्की सी मुस्कान।
नवरात्रों की माँ, कृपा कर दो माँ।
नवरात्रों की माँ, कृपा कर दो माँ।
जय माँ कालरात्रि, जय माँ कालरात्रि।
रूप भयंकर गले मुंड माला माता कालरात्रि ,
है संताप हरे रुद्राणी माता शुभवरदात्री,
हे माँ माता शुभवरदात्री, हे माँ माता शुभवरदात्री।
यह भी देखें, नवरात्री के आठवें दिन माँ महागौरी की आरती।
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