माँ ब्रह्मचारिणी मंत्र और आरती Lyrics in हिंदी with mp3
नवरात्री में माँ दुर्गा के दूसरे स्वरुप को माँ ब्रह्मचारिणी के नाम से जाना जाता है। ब्रह्मचारिणी का अर्थ है ब्रह्म अथवा तप का आचरण करने वाली। माँ के भव्य स्वरुप को देखिये, इनके बाएं हाथ में कमंडल और दाएं हाथ में जपमाला है। नवरात्री के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है जो हमें सत चित आनंदमय ब्रह्म की प्राप्ति कराती हैं और संयम में वृद्धि करती हैं।
माँ ब्रह्मचारिणी मंत्र -
दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू, देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।
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माँ ब्रह्माचारिणी की आरती lyrics
ॐ ब्रह्मचारिणी माता, ॐ जय श्यामा गौरी,
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरी ब्रह्मा शिवरी।
जय ब्रह्मचारिणी माता।
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो। ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो। ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा। जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता। जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता। जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए। कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने। जो तेरी महिमा को जाने।
जो तेरी महिमा को जाने। जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर। जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना। मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना। मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम। पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी। रखना लाज मेरी महतारी।
रखना लाज मेरी महतारी। रखना लाज मेरी महतारी।
ब्रह्मचारिणी माता की आरती, जो कोई नर गाता ,
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता।
ॐ जय ब्रह्मचारिणी माता।
जय ब्रह्मचारिणी माता, मैया जय ब्रह्मचारिणी माता,
कहत सदानंद स्वामी, रिद्धि सिद्धि पावे।
ॐ जय ब्रह्मचारिणी माता।
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