Tuesday, January 19, 2021

साईं सत्चरित्र आरती in हिंदी with meaning - Lyrics and mp3

साईं सत्चरित्र आरती in हिंदी with meaning

यह साईं बाबा की आरती साईं सत्चरित्र के अंतिम में वर्णित है। यहाँ पर साईं आरती का हिंदी में meaning भी उल्लेखित है। Lyrics और mp3 नीचे दिए गए हैं।

sai satcharitra aarti


साईं आरती lyrics

आरती साई बाबा । सौख्यदातार जीवा | चरणरजतली द्यावा दासा विसावा, भक्तां विसावा । आरती ०।।

जाळुनिया अनंग । स्वस्वरूपी राहे दंग मुमुक्षु जना दावी । जिन डोळा श्रीरंग । आरती १।।

जया मनी जैसा भाव । तया तैसा अनुभव । दाविसी दयाघना ऐसी तुझी ही माव । आरती २।।

तुमचे नाम घ्यातां | हरे संसृति व्यथा । अगाध तव करणीं। मार्ग दाविसी अनाथा, दाविसी अनाथा । आरती ३।।

कलियुगी अवतार | सगुण ब्रह्म साचार । अवतीर्ण झालासी । स्वामी दत्त दिगंबर । दत्त दिगंबर । आरती ४।।

आठा दिवसांगुरुवारी । भक्त करीती वारी । प्रभुपद पहावया। भव भय निवारी । भय निवारी । आरती ५।।

माझा निज द्रव्य ठेवा । तव चरणरज सेवा । मागणे हेचि आतां । तुम्हां देवाधिदेवा, देवाधिदेवा । आरती ६ ।।

इच्छित दीन चातक । निर्मल तोय निजसुख । पाजावें माधवा या । सांभाळ आपुली भाक, आपुली भाक।

आरती साईबाबा । सौख्यदातार जीवा ।।७।।

ॐ साईं राम जय साईं राम


Play 👇 "साई सत्चरित्र आरती" here.



भावार्थ - साईं आरती meaning in हिंदी

हे जीवों को सुख देने वाले साईबाबा । हम तुम्हारी आरती करते हैं । अपने दास और भक्तों को अपने चरणों की शीतल छाया में स्थान दो।

प्रदीप्त भाव से तुम सदा आत्मलीन रहते हो और मुमुक्ष जनों को ईश्वर की प्राप्ति करा देते हो ।

जैसा जिसका भाव होता है, उसे तुम वैसा ही अनुभव देते हो । हे दयालु ! तुम्हारा कुछ ऐसा ही वैशिष्ट्य हैं ।

तुम्हारे श्रीचरणों का ध्यानमात्र करने से भक्त इस संसार के भय से मुक्त हो जाता है । तुम सदैव दीन और अनाथों की रक्षा करते रहे हो ।

तुम्हारी कार्यशैली अपरंपार है । हे दत्त ! इस कलियुग में तुम सगुण ब्रह्म के रूप में अवतीर्ण हुए हो।

इसीलिए जो भक्त नित्य गुरुवार को तुम्हारे पास आवें, उन्हें सांसारिक भय से मुक्त करके भगवद्-दर्शन योग्य बनाओ।

हे देवाधिदेव ! तुम्हारे चरणकमल ही मेरी सम्पत्ति हैं । जिस प्रकार मेघ स्वाति नक्षत्र की बूंद से चातक पक्षी की प्यास बुझा देता है, उसी प्रकार माधव (यहाँ अपना नाम लगायें) की भी प्यास बुझाकर अपने वचनों का पालन करो।

Credit: Sai Satcharitra book from https://www.sai.org.in/

ॐ साईं राम जय साईं राम

0 Comments: